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Siddharth Sihag IAS : मेहनत और सटीक रणनीति हो तो किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है. आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम सिद्धार्थ सिहाग है. जिन्होंने छोटे गांव से निकलकर पहले तो न्यायिक पढ़ाई कर जज बनकर अपना नाम रोशन किया फिर यूपीएससी परीक्षा में आईपीएस अधिकारी बनें जब इससे भी मन नहीं भरा तो आईएएस अधिकारी बनकर परिवार का नाम रोशन कर दिया.
कमाल की बात ये है कि उन्होंने अपनी जज और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. खुद पर आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने सारी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर ली. उनकी कहानी ऐसे युवाओं को प्रेरणा दे सकती है जो ऐसा मानते हैं कि किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए लाखों रुपए की कोचिंग में पैसा लगाकर ही सफलता हासिल की जा सकती है. आइए जानते हैं सिद्धार्थ ने किस रणनीति की बदौलत बिना कोचिंग के सफलता हासिल की.
कौन हैं (Siddharth Sihag IAS) आईएएस सिद्दार्थ सिहाग
सिद्धार्थ सिहाग हरियाणा में हिसार के एक गांव सिवानी बोलान के रहने वाले है. उनकी पढ़ाई पंचकुला से पूरी हुई. सिद्दार्थ का पूरा परिवार सरकारी नौकरी से जुड़ा हुआ है. उनके पिता दिलबाग सिंह हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर के पद से रिटायर्ड हुए थे. वहीं, उनका भाई भी एक कोर्ट में जज के तौर पर कार्यरत है. सिद्धार्थ की शुरुआती पढ़ाई हिसार से ही हुई. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद उन्होंने अपने बड़े भाई से प्रेरणा लेकर अपना करियर न्यायिक सेवाओं की ओर बढ़ाया.
तैयारी के बाद उन्हें सफलता भी मिल गई. बहुत जल्द वो जज बन गए. हालांकि उनका सपना आईएएस अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करने का था. इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा का फार्म भी डाल दिया था. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि जब उनकी जज की नौकरी लग गई थी तभी आईपीएस अधिकारी बनने का मौका भी मिला. जिसके बाद उन्होंने जज की नौकरी छोड़कर आईपीएस अधिकारी के तौर पर काम करने लगे. हालांकि अभी उनका सफर खत्म नहीं हुआ था. और उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी.
बिना कोचिंग के 10 घंटे पढ़ाई
सिद्धार्थ ने न्यायिक परीक्षा और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी तरह की कोचिंग का सहारा नहीं लिया. उन्होंने आत्मविश्वास के बल पर सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. सिद्धार्थ ने अपनी पूरी पढ़ाई इंटरनेट की मदद से की.
तैयारी से पहले उन्होंने सिलेबस को अच्छी तरह समझा फिर चयनित अधिकारियों से मार्गदर्शन और शिक्षण सामग्री की मदद लेकर अपनी पढ़ाई की. वो हरदिन 10 घंटे पढ़ाई करते थे.
42वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी
साल 2012 में 25 साल की उम्र में उन्होंने देश में यूपीएससी की परीक्षा में 42वीं रैंक के साथ आईएएस बनने की सफलता हासिल की । इससे पहले की परीक्षा में सिहाग की 142वीं रैंक आई थी और उन्हें आईपीएस कैडर मिला था। इस कैडर से सिहाग नाखुश हुए फिर भी अनमने मन से प्रशिक्षण लेने हैदराबाद चले गए।
उनकी इस सफलता से परिवार काफी खुश है. वहीं, उन्होंने IAS अधिकारी बनकर अपने परिवार का नाम भी रोशन किया है. ऐसे बच्चे जो कोचिंग ना होने के वजह से तैयारी करना छोड़ देते हैं ऐसे लोगों के लिए भी सिद्धार्थ एक नजीर है.
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