ias vaishali singh : गरीब बच्चों की मदद के लिए अच्छी खासी नौकरी छोड़कर शूरू की upsc परीक्षा की तैयारी, 8वीं रैंक हासिल कर कर बनीं IAS अधिकारी
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ias vaishali singh : यूपीएससी देश की एक ऐसी प्रतियोगी परीक्षा है जिसमें हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं। लेकिन परीक्षा में सफलता उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलती है, जिनमें मेहनत, लगन के साथ तैयारी करने की क्षमता होती है। आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने लॉ यूनिवर्सिटी से लेकर यूपीएससी तक हर जगह टॉपर की लिस्ट में अपनी जगह बनाई।
इस आईएएस अधिकारी का नाम वैशाली सिंह है. हालांकि वैशाली को शुरुआत में एक आम अभ्यर्थी की तरह ही असफलता का सामना करना पड़ा लेकिन अटूट मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने सफलता हासिल कर ली. वैशाली आगे चलकर गरीब बच्चों की मदद कर अपने IAS अधिकारी बनने के सपनों को साकार करना चाहते हैं. आइए जानते हैं वैशाली ने कैसे इस कठिन परीक्षा को पास कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया.
कौन हैं (ias vaishali singh) आईएएस वैशाली सिंह
वैशाली हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले की रहने वाली हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उन्होंने फरीदाबाद से ही पूरी की. इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए वैशाली दिल्ली चली गई। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वैशाली ने लॉ करने का फैसला लिया। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से इन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की। वैशाली का लॉ की तरफ रुझान होने का एक कारण यह भी था कि उनके परिवार में उनके माता-पिता से लेकर भाई तक सभी वकील थे। इसीलिए इस बारे में ज्यादा सोच विचार किए बगैर वैशाली ने वकालत में एडमिशन ले लिया। वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद वैशाली एक अच्छी कंपनी में जॉब करने लगी।
अच्छा जॉब और कैरियर होने के बावजूद वैशाली को अपने जीवन में कुछ कमी सी लग रही थी। उन्हें अपने स्ट्रगल के वो दौर याद आ रहे थे, जब उन्हें रिसर्च वर्क के लिए फील्ड में जाना होता था। वहां पर वैशाली जमीनी स्तर पर फैली समस्याओं से रूबरू हुई। उस समय वैशाली को यह एहसास होता था, कि इन समस्याओं को खत्म करने के लिए उन्हें कुछ करना चाहिए। यही बात थी जो वैशाली के दिमाग में खटक रही थी।
इन समस्याओं से लड़ने के लिए हाथ में एक ऐसी पावर होने की आवश्यकता थी, जिससे इन समस्याओं से उबरने में सहायता मिले। यही वजह थी कि वैशाली ने आईएएस ऑफिसर बनने का रास्ता चुना। अपने बने बनाए कैरियर को छोड़कर वैशाली उस राह पर निकल गई, जहां पर उन्हें और भी अधिक स्ट्रगल करने की आवश्यकता थी। वह जी जान से यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
पहले प्रयास में नहीं मिली असफलता
यूपीएससी के पहले प्रयास में वैशाली को असफलता का सामना करना पड़ा। लेकिन परीक्षा में मिली असफलता ने वैशाली के मनोबल को गिरने नहीं दिया। अपितु इन्होंने पहले प्रयास में हुई अपनी गलतियों को सुधारा एवं और भी अधिक परिश्रम के साथ अगले प्रयास की तैयारी में जुट गई। उन्होंने परीक्षा की तैयारी की रणनीति को बदला और फिर से कड़ी मेहनत से तैयारी शुरू कर दी. आखिरकार इनकी मेहनत रंग लाई और यूपीएससी में इनका चयन हो गया।
8वीं रैंक हासिल कर बनीं आईएएस अधिकारी
साल 2018 की यूपीएससी की परीक्षा में वैशाली सिंह ने 8वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की। शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाली वैशाली सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 8 वीं रैंक पाकर अपने माता – पिता के साथ-साथ पूरे हरियाणा का नाम रोशन कर दिया। यूपीएससी का सफर आसान नहीं होता है यह हम सभी जानते हैं, वैशाली के लिए भी यह सफर आसान नहीं था। पहली बार प्रिलिम्स में मिली असफलता के बाद, वैशाली ने नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
सकारात्मकता एवं नई रणनीति के साथ इन्होंने दूसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया। और सफलता पाकर अपने सपने को पूरा किया। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए वैशाली का सुझाव है कि यूपीएससी का सिलेबस काफी ज्यादा होता है, ऐसे में स्टूडेंट्स कंफ्यूज होने लगते हैं। अतः पूरे सिलेबस को कवर करने के लिए छात्रों को नोट्स बनाकर यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए। कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा में भाग लेने की तैयारी करनी चाहिए। स्मार्ट तकनीक से की गई तैयारी छात्रों को सफलता दिलाने में मददगार होती है।
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