Namami Bansal IAS : मामूली दुकानदार की बेटी ने पिता का सपना पूरा करने के लिए शुरू की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी, चौथे प्रयास में बनीं IAS अधिकारी

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Namami Bansal IAS : कहते हैं परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। जो व्यक्ति मेहनत करने से पीछे नहीं हटता, सफलता उसे खुद-ब-खुद खोज लेती है। UPSC की चुनौतीपूर्ण सिविल सेवा परीक्षा के मद्देनजर ये बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि इस परीक्षा में सफलता मिलना आसान नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। जरूरत है तो बस पूरे मन से सही दिशा में और सही रणनीति के साथ सफलता मिलने तक कड़ी मेहनत करते रहने की।

आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम नमामि बंसल है. उनकी कहानी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है जो एक या दो असफलताओं के बाद हार मान लेते हैं और संघर्ष छोड़कर चले जाते हैं. नाममि बंसल को 3 बार असफलता का सामना करना पड़ा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास के बाद यूपीएससी की परीक्षा में टॉपर बनकर नाम रोशन कर दिया. UPSC में असफलता का सामना कर रहे अभ्यर्थियों के लिए नमामि की ये स्टोरी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आइए जानते है नमामि बंसल के सफर के बारे में

कौन हैं (Namami Bansal IAS) नमामि बंसल

नमामि बंसल उत्तराखंड के ऋषिकेश से आती हैं। उनके पिता का नाम राज कुमार बंसल है. वो ऋषिकेश में ही अपनी एक छोटी सी बर्तन की दुकान चलाते हैं. नमामि बंसल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी ऋषिकेश के एनडीएस गुमानीवाला से ही की है। नमामि बचपन से ही पढ़ने में अच्छी थी और हर परीक्षा में अच्छे नंबर लाती थीं।

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12वीं कक्षा पास करने के बाद नमामि दिल्ली आ गईं और यहां लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने एमए की पढ़ाई ओपन यूनीवर्सिटी से पूरी की. जिसके बाद उन्होंने कुछ साल नौकरी भी की। इसी दौरान उन्हें सिविल सेवा के क्षेत्र में आने की प्रेरणा मिली और उसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी करने का मन बना लिया।

लंबा चला असफलताओं का दौर

IAS बनने का सपना लेकर नमामि दिन-रात कड़ा परिश्रम करती रहीं। नमामि बिना कोचिंग के ही सेल्फ स्टडी करते हुए परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। ऐसे में उनका IAS बनने का सफर आसान तो नहीं रहा। जब उन्होंने अपना पहला UPSC अटेम्प्ट दिया तो वो असफल हो गई। जिसके बाद उन्होंने एक और बार प्रयास किया लेकिन फिर वह नाकाम हुईं।

नाकामयाबी का ये सिलसिला एक के बाद एक जारी रहा। नमामि को तीन बार लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा। हालांकि असफलताओं से वो घबराईं नहीं। हर बार अपनी कमियों और गलतियों का आकलन नमामि ने किया और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ती रहीं।

आखिरकार मिल गई यूपीएससी परीक्षा में कामयाबी

नमामि बंसल ने 2016 में किए गए अपने चौथे प्रयास में UPSC CSE की परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्होंने ना सिर्फ ये परीक्षा पास की, बल्कि ऑल इंडिया (Namami Bansal Rank) 17वीं रैंक लाकर टॉप-20 कैंडिडेट्स की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया। नमामि को सफलता मिलने में भले ही सालों लग गए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने आत्मविश्वास को कम नहीं होने दिया।

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यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को लेकर नमामि कहती हैं कि सिलेबस समझने के बाद सबसे पहले NCERT की किताबों को ढंंग से पढ़ना चाहिए। क्योंकि इससे आपका आधार मजबूत हो जाएगा। उसके बाद आप एडवांस किताबों का अध्ययन शुरू कर सकते हैं। नमामि का मानना है कि रिवीजन सबसे ज्यादा जरूरी है, जो भी पढ़ें उसे कई बार रिवाइज जरूर करना चाहिए। कोचिंग को लेकर नमामि का कहना है कि इससे ना सिर्फ परीक्षा को लेकर सही गाइडेंस मिलती है बल्कि पढ़ाई का एक माहौल भी बना रहता है। ऐसे में कोचिंग ज्वाइन करना सही कदम हो सकता है, लेकिन सेल्फ स्टडी करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। बगैर सेल्फ स्टडी के इस परीक्षा को पास नहीं किया जा सकता।

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