Gangotri Nagpure : किसान की बेटी बनीं ISRO अनुसंधान में वैज्ञानिक, बिना कोचिंग सफलता हासिल कर किया परिवार का नाम रोशन

https://ift.tt/8XR5vFs

Gangotri Nagpure : मुश्किलें हौंसले से बढ़कर नहीं हो सकती। इसीलिए तो कहा गया है कि ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। हालांकि जिंदगी के संघर्ष के बीच तरक्की की सीढ़ी चढ़ना आसान बात नहीं है। जीवन में यूं ही कुछ भी हासिल नहीं हो जाता है। कड़ी मेहनत और बुलंद हौसलों के दम पर ही इंसान आगे बढ़ता है।

आज की हमारी कहानी भी ऐसे ही हौसलों की उड़ान से सफलता का आसमान छूने वाली एक बेटी की हैं। देश में नाम रोशन करने वाली इस बेटी का नाम है गंगोत्री नागपुरे। एक छोटे से कस्बे से आने वाली गंगोत्री हमेशा से बड़े सपने देखती थी। किसान पिता की बेटी के इरादे और हौंसला भी हमेशा से ही मजबूत रहा। कुछ करने की चाहत ने उन्हें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया।

कौन हैं (Gangotri Nagpure) गंगोत्री नागपुरे?

गंगोत्री नागपुरे का जन्म 29 मार्च 1995 को महाराष्ट्र के गोंदिया में हुआ था। गंगोत्री की शुरूआती पढ़ाई लिखाई गांव में ही शुरु हुई थी। उनकी कक्षा 7 तक की पढ़ाई पूर्व माध्यमिक केंद्रीय स्कूल रावणवाड़ी हुई। जबकि 8वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई जीईएस हाईस्कूल रावणवाड़ी में पूरी हुई।

गंगोत्री बिना ट्यूशन के ही हर साल अव्वल आती थी। स्कूली शिक्षा के बाद गंगोत्री ने आगे की शिक्षा गोंदिया के मनोहरभाई पटेल इन्स्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (एमआईईटी) से लेते हुए 2016 में गंगोत्री ने इलेक्ट्रानिक्स में BE की डिग्री प्राप्त की।

पिता और दादा ने किया मार्गदर्शन

गंगोत्री बताती हैं कि उन्हें हमेशा ही परिवार का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने अपने दादा फागुजी नागपुरे और पिता मधुसूदन नागपुरे के मार्गदर्शन में ही हमेशा पढ़ाई की है… किसी तरह की कोचिंग का सहारा उन्होंने कभी नहीं लिया।

Gangotri Nagpure : किसान की बेटी बनीं ISRO अनुसंधान में वैज्ञानिक, बिना कोचिंग सफलता हासिल कर किया परिवार का नाम रोशन 1

उन्हें तमाम विषयों से जुड़ी किताबें पढने का शौक हमेशा से रहा है। गंगोत्री की माने तो दादा फागुजी नागपुरे सेवानिवृत्त जिला परिषद के शिक्षक होने की वजह से उन्हें हमेशा पढ़ाई की प्रेरणा मिलती रही है।

ISRO में काम करने वाली पहली छात्रा

गंगोत्री ने BE करने के बाद 2017 में इसरो की स्पर्धा परीक्षा में भाग लिया था। जिसके बाद 5 दिसंबर 2017 को उसका चयन अभियंता के तौर पर हो गया। वो अब इसरो में इलेक्ट्रानिक साइंटिस्ट के तौर पर काम करेंगी। गंगोत्री अपने जिले की पहली छात्रा है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में नौकरी करने का मौका मिला है। सबसे खास बात ये है कि गंगोत्री ने बिना किसी कोचिंग के केवल अपने पिता और दादा के मार्गदर्शन में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की है। गंगोत्री की सफलता को देखकर अब उनके परिवार समेत शिक्षक, दोस्त हर कोई खुशी जाहिर कर रहे हैं।

The post Gangotri Nagpure : किसान की बेटी बनीं ISRO अनुसंधान में वैज्ञानिक, बिना कोचिंग सफलता हासिल कर किया परिवार का नाम रोशन appeared first on INDEPENDENT NEWS.



from INDEPENDENT NEWS https://ift.tt/IrZ4Uq3
via IFTTT

Comments