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किन्नर का हमारे समाज में क्या स्थान है ये हम में से किसी से छिपा नहीं है। आज भले ही किन्नर समाज की भलाई के लिए कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है, उसके कहीं ना कहीं सुधार देखने को मिले हैं लेकिन फिर भी सामाजिक दृष्टिकोण से आज भी किन्नरों की जिंदगी जस की तस है।
आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसे किन्नर के जीवन की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं, जिसके माता पिता ने ये पता लगते ही कि उनकी संतान एक किन्नर है उनका साथ छोड़ दिया। लेकिन इन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई और समाज में खुद को इज्जत दिलाई।
घर में बेटी के जन्म होने पर देती हैं शगुन
जीनत हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के गगरेट कस्बे में रहती हैं। आज इनको देखकर लाखों लोग इनकी तरह बनना चाहते हैं। जहां एक ओर ये बेटे के होने पर बधाई के गीत गाती हैं तो वहीं दूसरी ओर ये किसी भी घर में बेटी के जन्म होने पर उन्हें कुछ नकद राशि शगुन के तौर पर भेंट करती हैं। बेटी के जन्म को बढ़ावा देने के लिए ही जीनत ने ये कदम उठाया है। जीनत जिस जिले से आती हैं अगर बात की जाए वहां के शिशु लिंगानुपात की तो वो बहुत ज्यादा कम है।
ऊना जिले का लिगांनुपात 1000 बेटों के मुकाबले बस 875 बेटियां हैं। ऐसे में ये तो आवश्यक ही है कि कैसे भी करके लिंगानुपात को बढ़ाया जाए। इसके लिए सरकार और प्रशासन ने बहुत सारी योजनाएं भी चलाई हैं। इसके अलावा भी कई लोगों ने इस तरफ काफी काम किया है और इनमें से एक हैं जीनत। जीनत ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत लोगों को नकद राशि देने का फैसला लिया।
गरीब लड़कियों को पढ़ाने में जीनत करती हैं मदद
जीनत के माता पिता ने बचपन मे ही उन्हें बस इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वो एक किन्नर थीं। जीनत अब 70 साल की हो चुकी हैं लेकिन आज भी जब उनके माता पिता की बात होती है तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं। जहां एक ओर जीनत लोगों को बेटी के जन्म होने पर उन्हें नकद राशि शगुन के तौर पर देती हैं तो वहीं दूसरी ओर वो बेटियों को पढ़ाने के लिए उनकी फीस भरने का काम भी करती हैं। इतना ही नहीं जीनत गरीब लोगों का इलाज कराने में भी मदद करती हैं।।
जीनत ने एक गरीब बेटी को लिया है गोद
जीनत ने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए 14 साल पहले एक गरीब बच्ची को गोद लिया था। जीनत ने अपनी इस बच्ची का नाम सिमरन रखा है और आज ये उसकी सारी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में लगी हुई हैं। सिमरन कक्षा 9 में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। उसके आने के बाद से जीनत की ज़िंदगी बदल गई है। यही नहीं अपनी बेटी को बेहतर परवरिश देने के लिए उन्होंने नाचना गाना तक छोड़ दिया।
The post किन्नर पैदा हुई बच्ची तो मां-बाप ने छोड़ा, आज बच्चों को गोद लेकर कर रही हैं मदद appeared first on INDEPENDENT NEWS.
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